शावेज़ अहमद
रामपुर।उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ, एवं जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामपुर के आदेश के अनुपालन में रश्मि रानी पूर्ण कालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, रामपुर कि अध्यक्षता में तहसीलदार/सचिव तहसील विधिक सेवा समिति, तहसील मिलक, रामपुर, खण्ड विकास अधिकारी मिलक, जनपद रामपुर, जिला समन्वयक, महिला कल्याण विभाग रामपुर, काउंसलर बन स्टाप सेन्टर, रामपुर, अधिवक्ता मुकुल चित्रांश एवं शिल्पा शर्मा के साथ ब्लाक मिलक जनपद रामपुर में महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषय पर शिविर का आयोजन किया गया, उक्त शिविर में आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, आशा बहू, अन्य समहू सखी, ग्रामीण महिलाओं आदि उपस्थित रही।
रश्मि रानी पूर्ण कालिक सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के द्वारा संयुक्त रूप से महिलाओं के संरक्षण हेतु बनाये गये कानून के प्रचार-प्रसार हेतु 12 जुलाई 2023 से 31 जुलाई 2023 तक विभिन्न तहसीलों में 3 शिविरों का आयोजन किया जा रहा है ।
उक्त शिविर में सचिव द्वारा महिलाओं के हितार्थ जो संवैधानिक अधिकार, विधिक अधिकार, सम्पत्ति अधिकारों के बारे में बताया एवं महिलाओं के हित में चलायी जा रही योजनाओं के बारे में बताने के लिए अधिकारियों एवं अधिवक्ताओं को बुलाया गया कि आंगनबाडी एवं ग्राम प्रधान तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर कार्य करती हैं जिस कारण तहसील स्तर पर महिलाओं तक उनकी पहुंच होती है और वे महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बतायेंगी, जिससे महिला संरक्षण कानून का अधिक प्रचार प्रसार होगा। समाज में कन्या को पैदा न होने देने की प्रवृत्ति के कारण, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, बलात्कार, यौन दुराचार, Trafficking इत्यादी में बढोतरी हुई है। इसी प्रकार की हिंसाओं मे से एक सबसे घृणित हिंसा बालिका शिशु हत्या या कन्या भ्रूण हत्या है। इसके रोकने के लिए PCPNDT अधिनियम गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक ( लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम, 1994 के रूप में 14 फरवरी 2003 से प्रभाव में आया।
अधिवक्ताओं ने उपस्थित महिलाओं को घरेलू हिंसा, भरण पोषण एवं महिला से सम्बन्धित अधिकारों के बारे में बताया, पोक्सो एक्ट व पीडित क्षतिपूर्ति योजनाओं के बारे में बताया गया। साथ ही महिला कल्याणकारी योजना के साथ-साथ काम पर हुए उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार, घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार, मातृत्व सम्बंधी लाभ के लिए अधिकार, जैसे अन्य अधिकारों एवं महिलाओँ, बच्चों, गरीबों व कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सहायता व सलाह का अधिकार के बारे में बताया गया।
उपरोक्त शिविर को सफल बनाये जाने के कार्यक्रम में कार्यलय लिपिक, पराविधिक स्वयं सेवक द्वारा सहयोग किया गया।