November 28, 2024
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गाजीपुर। सपा कार्यालय पर महिला विंग के साथ दिखीं नुसरत।
अफजाल अंसारी और सदर विधायक जैकिशन साहू के साथ नुसरत रही मौजूद।
डोर टू डोर चुनाव प्रचार कर रहीं हैं नुसरत शिव मंदिर में पूजा करते भी वीडियो भी आया सामने।
कयास लग रहे कि नुसरत भी अफजाल अंसारी के साथ कर सकती हैं नामांकन।
अफजाल अंसारी की गैंगेस्टर मामले में हाइकोर्ट में 2 मई को होनी है सुनवाई।
7 मई से गाजीपुर में शुरू होगा नामांकन।
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से अफजाल अंसारी को हुई थी 4 साल की सजा जिसकी हाइकोर्ट में चल रही है सुनवाई।
हाइकोर्ट सजा बरकरार रखती है तो अफजाल नहीं लड़ पायेंगे चुनाव।कयास लगाये जा रहे तब उनकी बेटी लड़ सकती है चुनाव ।
अफजाल अंसारी हैं सपा से प्रत्याशी।गाजीपुर लोकसभा सीट पर इस समय पूरे देश की नजर है जिसकी वजह सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी हैं।अफजाल मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं और पिछली बार सपा-और बसपा गठबंधन से उन्होंने मनोज सिन्हा को हराकर जीत दर्ज की थी।अफजाल अंसारी की बेटी नुसरत की एक तस्वीर सामने आयी है जिससे इन अटकलों को और हवा मिल गयी है की अफजाल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।तस्वीरों में नुसरत जहां सपा कार्यालय में अफजाल अंसारी और सदर विधायक जैकिशन साहू के साथ मंथन करती दिख रहीं हैं वहीं डोर टू डोर प्रचार करती भी दिख रहीं हैं।नुसरत चुनाव प्रचार के साथ ही शिव मंदिर में पूजा करती भी दिख रहीं हैं।
अफजाल अंसारी को 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से गैंगेस्टर मामले में 4 साल की सजा हुई थी और उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गयी थी।सजा के खिलाफ अफजाल अंसारी ने इलाहाबाद हाइकोर्ट में अपील किया जहां से उनको जमानत तो मिली पर सजा से राहत नहीं मिली।इसके बाद अफजाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी और उनको चुनाव लड़ने के योग्य करार दिया साथ ही इलाहाबाद हाइकोर्ट को 30 जून 2024 तक मामले का निस्तारण का आदेश दिया।हाइकोर्ट में 2 मई को इस मामले में सुनवाई होनी है और गाजीपुर में 7 मई से नामांकन शुरू होना है।यदि इस बीच अफजाल अंसारी की सजा हाइकोर्ट से बहाल हो जाती है तो अफजाल चुनाव नहीं लड़ पायेंगे।यदि सुनवाई टलती है और अफजाल चुनाव लड़ते हैं तब भी उनके ऊपर सजा की तलवार लटकती रहेगी।
यही वजह है कि कयास लगाया जा रहा है कि अफजाल चुनाव में अपनी बेटी को उतार सकते हैं और उनकी बेटी का सपा कार्यालय पर आना और चुनाव प्रचार में शामिल होना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।अफजाल अंसारी इस मामले पर फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं पर नुसरत का सामने आना बहुत कुछ बयां कर रहा है।

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