डिबाई/बुलंदशहर/ कोतवाली क्षेत्र डिबाई के दानपुर पर रविवार शाम कुछ लोगों द्वारा नेशनल हाईवे को जाम करने का प्रयास किया गया। जिसकी सूचना मिलते ही न सिर्फ पुलिस बल बल्कि स्थानीय नेता मौके पर पहुंच गए। जिनके समझाने पर हाइवे पर आवागमन सुचारू हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत कुछ दिनों से अनूपशहर अलीगढ़ हाइवे स्थित दानपुर से स्थानीय लोगों द्वारा पुलिस को शिकायतें मिल रही थी कि कुछ अराजक तत्वों द्वारा शाम के समय सड़क के किनारे स्थित ढाबों, चाय की दुकानों पर न सिर्फ शराब पी जाती है बल्कि वहां से गुजरने वाले राहगीरों के साथ कहासुनी भी की जाती है। जिस पर संज्ञान लेते हुए कोतवाली डिबाई पुलिस ने अपनी गश्त बढ़ा दी। साथ ही देर शाम चाय की दुकानों तथा ढाबों पर बैठे लोगों से पूछताछ की। इससे क्षुब्ध हो कर एक ढाबा संचालक ने पुलिस का विरोध किया। इतने पर मौके पर मौजूद एक युवक ने पुलिस द्वारा की जारी पूछताछ में हस्तक्षेप किया। जिस पर पुलिस ने उससे उक्त पूछताछ में हस्तक्षेप करने को मना किया। जिसके बाद पुलिस वापस लौट गई। जिसके उपरांत उक्त ढाबे वाले तथा उसके सहयोगी ने तुलसीगढ़ी गांव से कुछ अन्य लोगों को बुला लिया। जिन्होंने नेशनल हाइवे को जाम करने का प्रयास किया। लेकिन उक्त घटना को जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली तो आनन फानन में न सिर्फ पुलिस बल्कि स्थानीय नेता तथा संभ्रांत लोग पहुंच गए। जिनके समझाने पर उक्त हाइवे को सुचारू कर लिया गया। वहीं सूत्रों की माने तो दानपुर विगत काफी समय से जुआ सट्टा तथा शराब की अवैध बिक्री के लिए प्रख्यात रहा है। जिसकी शिकायतें स्थानीय पुलिस से मौखिक तथा अन्य माध्यमों से पहले भी की गई थी। परंतु वर्तमान प्रभारी निरीक्षक रण सिंह के चार्ज सम्हालने के बाद दानपुर ही नहीं बल्कि डिबाई नगर एवम देहात क्षेत्र में विशेष अभियान चलाकर उन लोगों को चिन्हित किया गया जो अपनी शारीरिक कमी को हथियार बनाकर न सिर्फ पुलिस को मुंह चिढ़ाते आ रहे हैं बल्कि खुले आम निर्बाध रूप से मादक पदार्थों का व्यवसाय करते हैं। जिसका शिकार मासूम बच्चे भी बन रहे हैं। जानकारों की माने तो ऐसे लोगों के विरुद्ध जब भी पुलिस कोई कार्यवाही करना चाहती है तो कभी तो ऐसे असामाजिक कारोबारी खुद को असहाय तथा शारीरिक अपूर्ण बता कर रहम की गुहार करते हैं और कभी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पुलिस का विरोध कराते है। जिसके चलते पुलिस को बैक फुट हो जाना पड़ता है। लेकिन यदि समाज में ऐसे लोगो को अंकुशित नही किया गया तो निश्चित ही समाज के भले परिवारों के बच्चे मादक पदार्थों की जद में आते रहेंगे और मासूमों की जिंदगी बर्बाद होती रहेगी।