हरियाणा की राजनीति में भूचाल आ सकता है। प्रदेश कांग्रेस से हरीझंडी मिलने का इंतजार हो रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर कई भाजपा के उम्मीदवारों को चक्रव्यूह में फंसा सकती है कांग्रेस। बालीवुड स्टार संजय दत्त को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने करनाल लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। पार्टी आलाकमान राजी हो गए हैं पैनल में नाम डाल दिया गया है। ऐसे ही कुछ और सैलिब्रिटी से संपर्क साधा जा रहा है। गेंद प्रदेश स्तरीय नेताओं के पाले में है। अंतिम फैसला प्रदेश नेतृत्व को तय करना है। अब तक शांत बैठे कांग्रेस आलाकमान कुछ बड़ा करने की तैयारी में हैं। प्रदेश के दस लोकसभा सीट पर किस को किस तरह से घेरना है इसी फार्मूले पर काम चल रहा है। संजय दत्त के पिता सुनील दत्त कांग्रेस के कद्दावर नेता रह चुके हैं। सुनील दत्त कांग्रेस सरकार में केन्द्रीय मंत्री थे बहन सांसद रह चुकी है। संजय दत्त के चाचा का पूरा परिवार आज भी हरियाणा के यमुनानगर के मंडौली गांव में रहते हैं। हरियाणा से उनका पुराना नाता है। संजय दत्त अगर करनाल लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का हारना तय माना जा रहा है। करनाल से कांग्रेस के कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य शर्मा, पूर्व स्पीकर अशोक अरोड़ा व राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर का नाम भी पैनल में शामिल हैं लेकिन कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इनके पक्ष में नहीं है। करनाल सीट से मनोहर लाल खट्टर मजबूत स्थिति में है उनके सामने नामचीन नेता को उतारने की तैयारी में हैं। वहीं दूसरी ओर जननायक जनता पार्टी के दिग्गज नेता कांग्रेस आलाकमान के सम्पर्क में हैं। जजपा के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को बोल चुके है और कभी भी लिखित इस्तीफा भेज सकते हैं। निशान सिंह कभी भी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं चर्चाओं का बाजार गर्म है। जननायक जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव कमलेश सैनी ने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं प्रदेश महासचिव रेखा शाक्य ने जजपा से नाता तोड पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी है। जजपा खेमे में भगदड़ मची हुई है। कई और नेता कांग्रेस के सम्पर्क में हैं। कांग्रेस कुछ भाजपा से नाराज़ चल रहे नेताओं से भी सम्पर्क साधे हुए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों में ही कांग्रेस बहुत बड़ा खेला कर सकती हैं। प्रदेश कांग्रेस में अंतर्कलह समाप्त हो जाए तो पूरे प्रदेश में कांग्रेस पार्टी भाजपा को घेरने में कामयाब हो सकती है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की दिग्गज नेता कमारी शैलजा पार्टी में शामिल हो रहे नेताओं को सीटें देने के पक्ष में भी है वह भाजपा को प्रदेश से बाहर करने के लिए कोई भी नीति अपनाने को तैयार है लेकिन हुड्डा खेमा इसके लिए तैयार नहीं है।