October 30, 2024
खबर1

रायबरेली मुकद्दस माहे रमजान के२६वें रोजे को हाफिज कौसर रजा ने अमवन में तरावीह मुकम्मल की,नमाजे तरावीह मुकम्मल होने के बाद हाफिज कौसर रजा ने बारगाहे परवरदिगार में दोनों हाथों को फैलाकर अपने गांव,कस्बा,मुल्क तथा आलमे इस्लाम के लिए दुवाएं खैर की हाफिज कौसर रजा ने जहां अपने रब की किब्रियाई बयान की तो वहीं उन्होंने कहा ए मेरे परवरदिगार इस मुकद्दस महीने के सदके में जो परेशान हाल हैं उनकी परेशानियों को दूर कर दे,जो बीमार हैं उन्हें शिफा अता कर दे,जो बेऔलाद है उन्हें नेक स्वाले औलाद अता कर दे,ए अल्लाह जो नमाज नहीं पढ़ते उन्हें नमाज पढ़ने की तौफीक अता कर,ए अल्लाह जब तक दुनिया फानी में रख ईमान के साथ रख और जब भी उठा ईमान के साथ उठा इतना सुनकर सभी नमाजियों की आंखे नम हो गईं और सभी नमाजियों ने अपने रब से गुनाहों की माफी मांगी और कहा ए अल्लाह तू गफुरुर्रहीम है तू अपने हबीब के सदके में हम सब को माफ कर दे हम सभी पर करम कर दे उसके बाद बारगहे इमामुल अंबिया सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम में सलातो सलाम का नजराना-ए अकीदत पेस किया गया।वहीं हाफिज कौसर रजा ने कहा अल्लाह का अहसान है जो हमें उम्मते मोहम्मदीय में पैदा किया और हमें अल्लाह का कलाम कुरआने हकीम जैसी अजीम किताब मिली।कहा कुरआन से हमे जीने का सलीका मिला कहा कुरआन सरापा मोजेजा है जिसके पढ़ाने से जिंदगी सवरती हुई नजर आयेगी।कहा कुरआन को अपनी घर की जीनत न बनाओ बल्कि पढ़ कर अपने आखेरत को संवारो। हाफिज कौसर रजा ने कहा कुरआन हमें दर्श देती है नेक अमल और नेक रास्ते पर चलने की।इस मौके गांव के सभी लोग हाफिज कौसर रजा को गले लगाकर अश्कबार हो गए और बारगाहे इलाही में दुआ की हमें कुरआन पढ़ने की तौफीक अता कर हमारे बच्चों को कुरआन से मोहब्बत और कुरआन पढ़ने की तौफीक अता कर हमें बुराइयों से बचा और हमारे बच्चों को नेक बना उनकी जिंदगी इस्लामी जिंदगी बना दे उन्हें मां बाप का फरमा बरदारऔलाद बना दे।कहा कुरआन इंसानी जिंदगी का आईना है,कुरआन हर मसले का हल है।इसलिए सबसे पहले अपने बच्चों को कुरआन की तालीम पर जोर दें।इन दुवाओं ने मस्जिद में जितने नमाजी थे सभी लोगों की आंखे नम कर गई वहीं सभी गांव के लोगों ने हाफिज कौसर रजा को गले लगाकर मुबारकबाद दी।इस तरावीह मुकम्मल के मौके पर आंसू,असलम,लाला,बदरे आलम,जहीर,मुख्तार,नाजिम,शाहिद,जहांगीर,सोनू,शोएब,कल्लू,कल्लू बीडीसी,सकील,डॉ.मेराज,डॉ.जमील,सकील खान,मेराज,गुलरजा,जान मोहम्मद,सिरताज,नियाजअली,जावेद,लतीफ,सहाबू,जसीम,लईक,अनीस, रऊफ,निजामुद्दीन,हैदर,महताब,मो.अतीक,नेहाल,आरिफ,आशिफ,रफीक,अनवर,नफीस,शौकत अली,हाफिज मोहम्मद यासीन,लच्छी खेड़ा के मौजूदा इमाम एवं छोटे-छोटे बच्चें मौजूद रहे।

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