गाजीपुर – टोल मैनेजर हितेश प्रताप ने बताई पीड़ा, न्याय नहीं मिलने में कोर्ट में लगाएगा गुहार 26 फरवरी को वाराणसी में अंतिम संस्कार से लौट रहे संतकबीर नगर के लोगों ने टोलकार्मियों से की थी मारपीट गाजी अपपुर : वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन के डांड़ी खुर्द (मिर्जापुर क्यामपुर) टोल पर अंतिम संस्कार से लौट रहे संतकबीरनगर के लोगों से हुई मारपीट के मामले में एफआइआर से पूर्व दोनों में पक्षों में थानों में दो लाख रुपये में समझौता हुआ था। मामले में मैनेजर हितेश प्रताप सिंह व तत्कालीन थानाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव के खिलाफ बिरनो थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं तत्कालीन थानाध्यक्ष पहले ही निलंबित हो चुके हैं।
संतकबीर नगर के मेंहदावल थाना क्षेत्र के ग्राम करमा कलां निवासी जनार्दन चौबे वरिष्ठ अधिवक्ता हैं। 25 फरवरी को उनके भाई की पत्नी का निधन हो गया था। अगले दिन 26 फरवरी को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार करने के बाद स्वजन व रिश्तेदार दो बसों से लौट रहे थे। टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह ने बताया कि टोल स्टाफ द्वारा नियमानुसार केवल शव वाहन की छूट की बात करते हुए उनसे शुल्क देने के बात पर सभी बसों में सवार लोगों ने जबरदस्ती टोल बैरियर को तोड़ते हुए बसों को निकालने लगे। टोल स्टाफ के साथ उग्रता दिखाते हुए मारपीट किए। इसमें कई टोलकर्मियों को चाेट आई थी। आरोप लगाया कि वहां लगे सरकारी उपकरणों में तोड़फोड़ करते हुए करीब पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ था। बिरनो थाने पर दोनों पक्षों को ले जाकर संतकबीरनगर के स्थानीय जनप्रतिनिधि के द्वारा मामले को समझौते के रूप में दो लाख रुपये मुआवजा राशि देने के बाद लिखित समझौते पत्र के आधार पर मामला निपटाया गया था। एक पक्ष से टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह और दूसरे पक्ष से यतींद्रनथ और मोनू थे। आरोप लगाया कि उसके बाद पांच मार्च को पुनः दूसरे पक्ष के द्वारा झूठी बातों को आधार बनाकर मुकदमा लिखाया गया है। सीसीटीवी फुटेज में सभी टोल पर हुआ उपद्रव साफ दिख रहा है। बताया कि अगर उससे यहां न्याय नहीं मिला तो वह न्यायालय की शरण में जाएंगे।