क्या जिंदगी है ठोकरों पे मार दो… गाने पर बनाई रील फिर स्टेट लेवल कबड्डी खिलाड़ी फंदे से झूला
कानपुर
कानपुर में पनकी में स्टेट लेवल कबड्डी खिलाड़ी विक्रांत उपाध्याय (25) ने छह घंटे पहले एक फिल्म के गाने ”क्या जिंदगी है ठोकरों पे मार दो, मौत अंत है नहीं तो मौत से भी क्यों डरें…ये जाके आसमान में दहाड़ दो” पर इंस्टाग्राम रील बनाने के बाद शनिवार देर रात फंदे से झूल गया। हालांकि, खिलाड़ी के खुदकुशी करने के पीछे का कारण परिजन व पुलिस स्पष्ट नहीं कर सकी है।
गणेश विद्यार्थीनगर, एफ ब्लॉक निवासी विक्रांत उपाध्याय की वर्ष 2017 में विद्युुत परिषद इंटर कॉलेज की टॉपर टीम थे। इनकी टीम कानपुर में टॉपर थी।
बड़े भाई विकास ने बताया कि उसने राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में भी भाग लिया। वर्ष 2021 में कानपुर मंडल की कबड्डी प्रतियोगिता में भी उसका चयन हुआ था। इसके साथ ही वह अरमापुर के जीके ग्राउंड में खिलाड़ियों को कबड्डी सिखाता था। उसने कल्याणपुर में आइसक्रीम पार्लर भी खोला था। शनिवार को वह दोस्तों के साथ गंगा बैराज गया था।
शाम को घर आकर उसने एक फिल्मी गाने पर रील बनाकर इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया। शाम को सभी ने खाना खाया और सोने चले गए। देर रात करीब दो बजे आंख खुली तो विक्रांत के कमरे का दरवाजा खुला था। उसका शव पंखे के कुंडे से बंधी चादर से बने फंदे पर लटकता पाया। वह तीन भाइयों विकास व विशाल में मझला था। पिता ओंकारनाथ की दो साल पहले मार्ग दुर्घटना में मौत हो गई थी।
मां रेनू का रो-रोकर बुरा हाल रहा। हालांकि, परिजन खुदकुशी के पीछे का कोई कारण नहीं बता सके। पनकी थाना प्रभारी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि खुदकुशी