खनन माफियाओ द्वारा पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचायी जा रही है: अधिवक्ता विकाश शाक्य

0 minutes, 2 seconds Read

सोनभद्र। बिल्ली मारकुण्डी की पत्थर खादानों में भारी विष्फोट से अजगर और रसल वाइपर के ठिकाने तबाह हो रहे है। पाँच पत्थर खादानों पर एन० जी० टी० ने कमेटी गठीत की है, अब नपेगी खादानों की गहराई। यह बातें प्रेस से साझा करते हुये याचिका कर्ता तिलका माझी फाउण्डेशन के ऋतिशा और अधिवक्ता विकाश शाक्य ने कही है। एन० जी० टी० के प्रिंसिपल बेंच नई दिल्ली में याचिका प्रस्तुत करने वाली ऋतिशा ने बताया कि, बिल्ली मारकुण्डी में जिन पहाड़ो पर पत्थर का खनन किया जा रहा है वह अजगर और रसलवाईपर का ठिकाना है। वहाँ पर खनन कर्ता द्वारा भारी मात्रा में बारूदो का प्रयोग करके विष्फोट किया जा रहा है, जिससे उनके ठिकाने तबाह हो रहे है। वन विभाग सुरक्षित वन और राज्य सरकार की जमीनों में जो सीमा निर्धारण किया है वह दोहरी लूट की छुट खनन कर्ताओं को दे रही है, जिससे पर्यावरण को भारी क्षति पहुँचायी जा रही है। जिसके सम्बन्ध में याचिका अपने अधिवक्ता अभिषेक चौबे के माध्यम से प्रस्तुत किया है। याचिका कर्ता के अधिवक्ता अभिषेक चौबे ने बताया कि, अरूण सिंह यादव का में० श्री महादेव इण्टर प्राइजेज, सचिन अग्रवाल का ओमेक्स इण्टर प्राइजेज लि०, संजीव कुमार शर्मा का में० बाबा खाटू इण्डस्ट्रीज, मनिष खुशलानी का मे० के० डी० रिर्सोसेज प्रा० लि०, सुरेश चन्द्र गिरी, साकिब खान का बाला जी स्टोन वर्क्स के विरूद्ध अवैध खनन करके पर्यावरण की क्षति पहुँचाने अजगर और रसलवाइपर के रहवास को भारी विष्फोटकों से तबाह करने के सम्बन्ध में याचिका प्रस्तुत की गयी थी जिस पर एन० जी० टी० की प्रिंसिपल बेंच ने DGMS खान सुरक्षा निर्देशालय वाराणसी, केन्द्रिय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड के सदस्य सचिव (CPCB), सदस्य सचिव पर्यावरण, बन और जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय भारत सरकार (RO, MOEF8CC), DFO सोनभद्र तथा जिलाधिकारी सोनभद्र की संयुक्त कमेटी गठीत की है। सोनभद्र जिलाधिकारी को समन्वय के रूप में कार्य करने का निर्देश दी है। संयुक्त समीति अवैध खनन की सीमा वन क्षेत्र में खनन तथा EC शर्तों के उल्लघंन की जाँच करते हुए पर्यावरण की क्षति का भी निर्धारण करेगी। यह आदेश 5 मार्च को NGT ने दिया। तिलका माँझी फाउण्डेशन के विधिक सलाहकार एवं पर्यावरण पर काम करने वाले अधिवक्ता विकाश शाक्य ने कहा कि, सोनभद्र के सभी खदानों की गहराई नापी जायेगी जो मानक के विपरीत चल रही है। खनन के मामले में वन विभाग की पूरी संलिप्तता और संरक्षण है। पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी जिम्मेदार लोगों को बक्शा नहीं जायेगा। अजगर और रसलवाइपर के संरक्षण के लिये और भी जिम्मेदार पत्थर खादानों के खिलाफ शीघ्र ही कदम उठाये जाएंगे।

मिलती जुलती खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *