लब्बैक या रसूलअल्लाह, लब्बैक, लब्बैक या रसूलअल्लाह

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भदोही। नगर के मोहल्ला कजियाना शरीफ स्थित समाजसेवी जावेद कुरैशी के वालिद हाजी अख्तर अली व उनकी मां मंगलवार को भदोही स्टेशन पहुंचकर इंटर सिटी से लखनऊ के लिए रवाना हो गए जहां वे बुधवार को मदिनतुर्रसुल पहुंचने का शरफ़ हासिल करेंगे।
इस अवसर पर मेहमाने रसूल अकरम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम व मेहमाने परवरदिगार हाजी अख्तर अली व उनकी अहलिया से मुलाकात करने उनके कजियाना मोहल्ले स्थित आवास पर अलसुबह से ही आते रहे। मुलाकात करने वाले लोगों ने हाजी अख्तर व उनकी अहलिया को फूलों का हार और गुलदस्ता देकर गले मिलें। उमरा के दौरान दुआ करने की दरख्वास्त की‌। जहां पर उनको पुरनम आंखों से दयारे हबीब स. के लिए रुखसत किया गया। इस दौरान उनके सफर को आसान करने के लिए दुआ मांगी गई। हाजी अख्तर व उनकी अहलिया को विदा करते समय “सुनहरी जाली मुबारक हो’ गुम्बदे खजरा मुबारक हो आदि नारे बुलंद की गई। इस मौके पर हाजी अख्तर ने कहा की हज वर्ष में एक बार होता है। लेकिन उमरा के लिए वर्ष में कभी भी जाया जा सकता है। हज में जहां 45 दिन लगते हैं तो वहीं उमरा कर जायरीन 14 दिन में या उससे कम दिन में ही वापस स्वदेश लौट आते हैं। हाजी अख्तर व उनकी अहलिया अपने घर परिवार तथा रिश्तेदारों से मिल कर दुवा की दरख्वास्त की और कहा हम उमरा के लिए रवाना हो रहे है दुवा करें अल्लाह पाक उमरा के हर अरकान पूरा करने की तौफीक अता फरमाए वहीं उन्होंने अपने मुल्क में अमन शांति के लिए दयारे मुस्तफा व अल्लाह के दरबार मे पहुंच कर दुआ करने की बात कही। इस मौके पर सभासद हसीब खां, जमील अंसारी नेता,इश्तियाक उर्फ निन्ही, शोएब सिद्दीकी, गुड्डू खालसा, अतीक खां, शानू खां, जावेद आसिम, चांद बाबू, हनी, रियाज अहमद, फ़हद, पत्रकार कैसर परवेज, शहनवाज खां, मिस्बाह खां, आफताब अंसारी, खुर्शीद खां आदि मौजूद रहे।

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