भदोही। पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर देश के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने एक फैसले में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता के पत्रकार द्वारा सरकार के खिलाफ भविष्य में न लिखने के शर्त के साथ जमानत देने का अनुरोध किया था। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने पत्रकारों को कुछ कहने या लिखने से नहीं रोकने की व्यवस्था देते हुए कहा कि यह बिल्कुल वैसा होगा कि हम एक वकील से यह कहे कि आपको बहस नहीं करनी चाहिए। पूर्वांचल लाईफ समाचार पत्र के भदोही ब्यूरो चीफ धनंजय राय ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का ह्रदय से स्वागत करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति की आदेश को पूरे देश के पत्रकार बंधु के तरफ से हृदय से धन्यवाद व स्वागत किया है। और श्री राय ने कहा कि पत्रकार को देश का चौथा स्तंभ माना जाता है और वह हमेशा देश को मजबूत करने और स्वस्थ समाज की परिकल्पना की आवाज को अपनी लेखनी से उजागर करता है।
इसलिए उसके स्वस्थ लेखन पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक ना लगाकर, देश की प्रशासनिक अधिकारियों को एक संदेश दिया है जो स्वागत योग्य है।
श्री राय ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करता हूं। कहा कि जिस तरह न्यायालय में वकील को बहस करने से नहीं रोका जा सकता, इस तरीके से पत्रकार को खबर लिखने से रोका नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय लोकतंत्र को मजबूत करने का स्तंभ है।