October 3, 2024

नानपारा/बहराइच l नगर पालिका परिषद नानपारा के अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी ने नगर पालिका की 31 संपत्तियों का हवाला देते हुए कहा कि राजस्व विभाग में जेड.ए. दर्शाकर कथित भू माफियाओं ने कई व्यक्तियों के नाम हस्तानांतरित कर दिया।
अध्यक्ष एवं अधिशासी अधिकारी ने प्रमुख सचिव नगर विकास सहित विभिन्न अधिकारियों को पत्र भेजकर अवगत कराया है कि सीमा के अंदर गाटा संख्या 4237 क रकबा 1.340 एकड़ आकार पत्र 41 में नान जेड ए नाला अंकित है। जो नाला संपूर्ण शहर व उसके संलग्नक अन्य क्षेत्रों का पानी इसी नाले से निकलता है। इस को आकार पत्र 45 में साजिश एवं राजस्व विभाग कि मिली भगत से किशन लाल पुत्र रामनारायण निवासी जुबलीगंज आकार पत्र 45 में खाता संख्या 242 पर उक्त नान.जेड.ए. नाला का नंबर 4237 क रकबा 1.340 एकड़ का अंकन कर दिया गया है। जबकि नगर पालिका के अभिलेख खसरा व खतौनी सर्वे वर्ष 1964 65 में खसरा संख्या 4810 साबिक नंबर 8068 रकबा 71 डिसमिल नाला तथा उसी के बगल पूरब खसरा संख्या 4811 साबिक नंबर 8068 रब्बा 53 डिसमिल रास्ता के रूप में अंकित है। नगर पालिका संपत्ति को क्षति पहुंचाते हुए उक्त अंकन का लाभ उठाकर किशन लाल के वारीसान पंजीकृत दस्तावेज के आधार पर नामांतरण प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी ऐसी स्थिति में नगर पालिका की सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त नगर क्षेत्र की नान.जेड.ए. की अन्य संपत्तियां जो लगभग 31 है जिसमे अलग-अलग नंबरों पर मजरूआ, बंजर पिछवाड़ा क्लब, क्लब घर, बंजर.तालाब तथा बालक क्रीड़ा स्थल सहित नाला, रास्ता व तालाब,कुआं, आदि के रूप में संपत्तियों नगर पालिका के अभिलेखों में दर्ज हैं । मांग पत्र में सभी 31 संपत्तियां को राजस्व अभिलेखों में नान. जेड ए. अंकित कराने की मांग की गई है।
अधिशासी अधिकारी रंग बहादुर सिंह तथा नगर पालिका अध्यक्ष अब्दुल वहीद ने बताया कि नगर पालिका नानपारा 1901 में स्थापित हुई है उस समय नगर पालिका की जो भूमि संपत्ति अभिलेखों में अंकित थी उसका खसरा, खतौनी , तथा नक्शा भी नगर पालिका में उपलब्ध है। परंतु राजस्व विभाग की मिलीभगत से शहरी क्षेत्र की जमीनों को चकबंदी के दौरान तहसील के अभिलेखों में दर्ज कर लिया गया इसका भू माफियाओं ने फायदा उठाकर नान. जेड.ए जमीन को जो नगर पालिका नानपारा की संपत्ति है उसे जेड.ए. दिखाकर बैनामा कर कब्जा कर रहे हैं। नगर पालिका की जमीनों पर अवैध कब्जा होने से नगरीय क्षेत्र में आने वाली सरकारी योजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिससे नगर का विकास बाधित हो रहा है। इस संबंध में नगर पालिका द्वारा समय-समय पर पत्राचार कर उच्च अधिकारियों से कार्रवाई करने का अनुरोध किया है ।

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