बलिया/ श्रीरामकथा मानस प्रवचन के पांचवें दिन सोमवार की रात्रि में कथा वाचिका देवी चंद्रकला ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीरामचन्द्र के द्वारा धनुष तोड़ना और माता जानकी जी से उनके विवाह की मंगल गीत गाकर माहौल को अत्यंत लुभावना कर दिया कथा वाचिका चन्द्रकला ने कहा कि जब शिव धनुष का श्रीराम प्रभु जी ने खण्डन किया तो भगवान परशुराम अत्यंत क्रोधित हो उठे यहां भगवान परशुराम एवं लक्ष्मण जी के संवाद को चन्द्रकला जी ने कौतूहल बना दिया
कथा वाचिका चन्द्रकला ने “घोड़वा चढ़ल अइलें चारो हे दुलहवा’ “कि जनक दुअरा न” गीत गाकर श्रोताओं को झुमझुम कर नाचने पर विवश कर दिया हमारे पूज्य संत 1008 श्री रामसागर दास जी महाराज एवं देवी चन्द्रकला को डॉ बृजेश सिंह एवं अनूप गुप्ता ने सपरिवार भगवान श्रीराम की प्रतिमा एवं अंग वस्त्रम् देकर सम्मानित किया इस आयोजन में आशुतोष मद्धेशिया राघवेन्द्र सिंह डॉ.टी.एन.मिश्र मनोज चौहान भरत चौहान सुरेन्द्र गुप्ता डॉ रामाश्रय कुन्दन मद्धेशिया आशमोहम्मद इरफान राजू यादव नारायण सिंह बम बृजभान प्रवीण चन्दन भूवाल का यथोचित सहयोग जारी है