स्वस्थ पेशे की बीमार तस्वीर: सफेद लिबास में घूमते हैं दलाल,निजी पैथालॉजी ले जाकर कर रहे गोलमाल
गोरखपुर
जिला अस्पताल एसआईसी डॉ. एएन ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में हर दिन करीब 500 लोगों की पैथालॉजी जांच होती है। इसके अलावा डेंगू समेत अन्य बीमारियों की जांच में भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाती। अगर कोई बाहरी व्यक्ति मरीजों को बहला फुसलाकर बाहर से जांच करा रहा है, तो इसकी निगरानी कराई जाएगी। मरीजों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर सख्ती की जाएगी।
गोरखपुर जिले में शहर के बिलंदपुर खत्ता मोहल्ले की रहने वाली नजबुन शुक्रवार को जिला अस्पताल में इलाज के लिए आई थीं। डॉक्टर ने पर्चे पर कुछ पैथालॉजिकल जांच लिख दी। वह बाहर बरामदे में पैथालॉजी का पता पूछ रही थीं। इसी दौरान सफेद लिबास में एक युवक आगे बढ़ा। उसे देखने से पहचान पाना मुश्किल था कि वह अस्पताल का कर्मचारी है यह बाहरी व्यक्ति।उसने फौरन पर्ची हाथ में ली और बोला-जांच तो हो जाएगी पर भीड़ बहुत है। जांच रिपोर्ट तो कल ही मिलेगी।
महिला के साथ मौजूद पति को उसने किनारे ले जाकर एक विजिटिंग कार्ड दिया। उसने समझाया कि यहां जांच करा लें तो तत्काल रिपोर्ट मिल जाएगी। वरना ऐसे ही परेशान रहेंगे और कल भी आना पड़ा। कार्ड लेकर दंपती सीएमओ ऑफिस वाले गेट से बाहर निकले, जबकि विजिटिंग कार्ड देने वाला व्यक्ति घोष कंपनी चौराहे की तरफ से बाहर चला गया।
यह हाल है जिला अस्पताल का। ओपीडी के बाहर मरीज माफिया के दलाल सक्रिय हैं। मरीजों और उनके तीमारदारों को झांसे में लेते हैं और अपने पैथालॉजी पर भेज देते हैं। शुक्रवार को अस्पताल में एक घंटे के दौरान ऐसे ही तीन मरीजों को दलालों ने झांसे में लेकर अपने सेटिंग वाले पैथालॉजी में भेज दिया। ओपीडी हॉल में डॉक्टरों के चैंबर से लेकर बाहर दवा काउंटर तक घूमने वाले ये दलाल जांच का पर्चा लिए घूम रहे मरीजों की मदद करने पहुंच जाते हैं।
अस्पताल की दुर्दशा और भीड़ को बढ़ा चढ़ाकर बताते हुए मरीज को नजदीक ही निजी पैथालॉजी में बेहतर व जल्दी जांच का भरोसा देकर अपने साथ लेकर निकल जाते हैं। यही नहीं जांच कराने के बाद सेटिंग वाली दवा की दुकान पर पहुंचा देते हैं। हर जगह मरीज माफिया का हिस्सा बंधा रहता है।
जिला अस्पताल में औसतन हर दिन ढाई हजार मरीज ओपीडी में आते हैं। इनमें से लगभग 800 मरीजों को पैथालॉजी जांच के लिए पर्ची पर एडवाइज की जाती है। क्षेत्रीय निदान केंद्र में हर दिन चार से 500 जांच होती हैं, वह भी रिपोर्ट अगले दिन मिलती है। इसका फायदा निजी पैथालॉजी सेंटर संचालक उठाते हैं, जिनके दलाल अस्पताल परिसर में सक्रिय हैं।
अस्पताल कर्मियों की भी है मिलीभगत
जिला अस्पताल से जांच के लिए मरीजों को बाहर ले जाने वाले दलालों और अस्पताल कर्मियों में भी अंदरूनी सांठगांठ की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक परिसर में किसी न किसी बहाने घूमने वाले दलाल ज्यादातर ग्रामीण इलाके से आए मरीजों को झांसे में लेते हैं। सबसे पहले वे मरीज और उसके तीमारदार की मदद करते हैं और इसी दौरान अपनी बातों में फांस लेते हैं। अगर कोई मरीज जाल में नहीं फंसता तो उसे जिला अस्पताल के पैथालॉजी सेंटर तक ले जाते हैं। वहां नोटिस चस्पा है कि मरीज का सैंपल 11:30 बजे तक ही लिया जाएगा। काउंटर पर कर्मचारी नहीं दिखते, जिससे कि वह पूछ सकें कि सैंपल लेने या जांच के लिए क्या करना होगा। इस वजह से परेशान मरीज को दलाल की बातों में सच्चाई नजर आती है और वह उसके पीछे हो लेते हैं।
एक बार मरीज इनके चंगुल में फंस गया तो दलाल उन्हें बड़े कायदे से चूस लेते हैं। जिला अस्पताल में जो जांच फ्री में होनी है, उसे ही निजी पैथालॉजी में अलग-अलग 1300 रुपये का समझाते हैं। वहां मौजूद दलाल मरीज को अपना करीबी बताकर कुछ छूट दिलाने और उनकी आर्थिक हालत का हवाला देते हैं। इसके बाद वही जांच 650 से 800 रुपये के बीच हो जाती है। इसके बाद हमदर्द वहां से अगले शिकार की तलाश में निकल जाता है और पर्ची कटा चुका मरीज शाम तक जांच रिपोर्ट का इंतजार करता है।
बोले मरीज
डॉक्टर जांच के लिए लिखते हैं, लेकिन पैथालॉजी में जांच कराना बड़ा कठिन काम है। अगर 11 बजे के पहले सैंपल नहीं दे पाए तो जांच नहीं हो पाएगी। आज ओपीडी में दिखाएं, कल खून का सैंपल देने आएं और फिर तीसरे दिन रिपोर्ट मिले, तो इलाज कब होगा। दलाल इसी का फायदा उठाते हैं। – सुरेंद्र यादव, गीता प्रेस रोड।
बुखार आया तो बृहस्पतिवार को डॉक्टर को दिखाया था। उन्होंने जांच लिखी तो सैंपल नहीं लिया गया। आज सैंपल देने आया हूं, कल इसकी रिपोर्ट मिलेगी। इसके बाद चौथे दिन फिर डॉक्टर देखेंगे। अब चार बार आने की वजह से बहुत दिक्कत हो रही है। यहां एक व्यक्ति मिला था, जो कह रहा था कि निजी में तत्काल हो जाएगा। – संदीप, बिलंदपुर खत्ता।
सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि जांच कराने पहुंचने पर रजिस्ट्रेशन काउंटर पर कर्मचारी ही नहीं मिलते। अपने एक रिश्तेदार का एक्सरे करना है, आए तो काउंटर खाली था। काफी देर से परेशान घूम रहे थे। एक व्यक्ति मिला, जिसने बाहर से कराने की सलाह दी। इंतजार कर रहे हैं, अगर 2 बजे तक हो गया तो ठीक नहीं तो बाहर ही जाएंगे। – विनोद यादव, हांसूपुर।
अपने रिश्तेदार के खून की जांच कराने आए थे। दोपहर 12 बजे ओपीडी में डॉक्टर ने देखा और जांच लिखी। यहां आने पर पता लगा कि आज सैंपल नहीं लेंगे। कर्मचारियों ने बताया कि कल भी सुबह आठ बजे आकर लाइन में लगना होगा। 11:30 बजे के बाद सैंपल नहीं लिया जाएगा। – दिनेश सिंह, हांसूपुर।
जिला अस्पताल एसआईसी डॉ. एएन ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में हर दिन करीब 500 लोगों की पैथालॉजी जांच होती है। इसके अलावा डेंगू समेत अन्य बीमारियों की जांच में भी किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाती। अगर कोई बाहरी व्यक्ति मरीजों को बहला फुसलाकर बाहर से जांच करा रहा है, तो इसकी निगरानी कराई जाएगी। मरीजों के साथ धोखाधड़ी करने वालों पर सख्ती की जाएगी।