पहल टुडे न्यूज़
नवाबगंज फर्रुखाबाद
नवाबगंज चौराहा से लगभग छह किलोमीटर दूर मोहम्मदाबाद रोड पर गाँव पुठरी में स्थित प्राचीन शिव मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐतिहासिक शिवालय में श्रावण मास में प्रतिदिन लोगों का आना जाना लगा रहता है। भगवान शिव के चमत्कारिक शिवलिंग को फूल व बेल पत्रों से सजाया जाता है। मंदिर के पुजारी द्वारा शिवलिंग की पूजा अर्चना कर मंदिर के पट भक्तों के लिए खोल दिए। जनपद एटा, मैनपुरी, बदायूं, कन्नौज सहित नवाबगंज व आसपास के गाँव के कावड़ियों ने भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक किया। भक्तों ने हर-हर महादेव, बम-बम भोले आदि जयकारों के साथ शिवलिंग पर गंगा जल व दुग्ध अर्पित कर जलाभिषेक किया। भक्तों ने दुग्ध, बेल पत्र, धतूरा, पुष्प आदि अर्पित कर भोलेनाथ की पूजा अर्चना की। सावन मास में तो लोगों की भीड़ से मेले जैसा माहौल रहता है। जिससे पूरा गांव शिवमय बना रहता है।
प्राचीन शिव मंदिर पुठरी क्या है इतिहास
पहल टुडे टीम को गाँव के लोगो ने बताया कि लगभग चार सौ वर्ष पूर्व गांव के बाहर एक टीला था। जिसके ऊपर बहुत झाड़ झंकाड़ उगे थे। इसी टीले पर प्रतिदिन एक गाय चरने जाती थी एवं बीच में खड़ी हो जाती थी। गाय के थनों से अपने आप दूध की धार टपकने लगती थी। यह देखकर टीले की साफ सफाई कर खुदाई करायी तो वहाँ पर शिवलिंग निकली। फिर वहाँ पर गाँव के लोगो ने पूजा अर्चना शुरू कर दी। जानकारी होने पर फर्रुखाबाद निवासी सदानंद तिवारी ने मंदिर निर्माण कार्य की नींव रखकर निर्माण कराया। धीरे-धीरे मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक पहुंच गयी और लोगों ने मंदिर आकर पूजा अर्चना शुरू कर दी। मंदिर की पूजा कार्य में सबसे पहले रामभारती, लाल भारती, वीर भारती, गंगा भारती, राज भारती ने जिम्मेदारी निभायी। इस समय सुरेश भारती एवं देवेंद्र भारती शिव आराधना में लग शिव की सेवा कर रहे हैं। मंदिर परिसर में ही कालेश्वर महादेव एवं दुर्गा मंदिर का भी निर्माण कराया गया है।
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मंदिर के पुजारी सुरेश भारती ने बताया कि ‘मान्यता है कि मंदिर में स्थापित प्राचीन शिवलिंग पर श्रावण मास के सोमवार व महाशिवरात्रि पर जो भक्त सच्चे मन से शिवजी की आराधना कर जलाभिषेक करते हैं। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।