साहिबाबाद। धर्मांतरण का मास्टरमाइंड अब्दुल्ला अहमद के दिल्ली की इस्लामिक दावा सेंटर में इस्लाम कबूल करने के बाद एसआईटी मौलाना उमर गौतम और उसके फोन की सीडीआर खंगाल रही है। टीम अलग-अलग एंगल से दोनों के संबंध की जांच में जुटी है। पुलिस को शक है कि उमर गौतम के जेल जाने के बाद अब्दुल्ला उसके संगठन को तो नहीं चला था। हालांकि, खुफिया एजेंसी को इस बारे में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। अब्दुल्ला का सर्टिफिकेट भी उमर गौतम के सहायक जहांगीर आलम ने जारी किया था।
डीसीपी विवेक चंद्र का कहना है कि उमर गौतम और अब्दुल्ला के संबंध की जांच चल रही है। इस्लामिक दावा सेंटर को फंडिंग पीएफआई से होने की जानकारी हुई थी। इस एंगल से भी जांच कर रहे हैं। माना जा रहा है कि दोनों की करीब 10-12 बार मुलाकात हुई थी। मुसीर, अब्दुल्ला अहमद और राहिल से आठ घंटे की पूछताछ में कई अहम जानकारी मिली है। अब उन सभी एंगल से जांच कर रहे हैं। राहिल से खोड़ा में युवती को दिए गए कागज पर नमाज के रकाब और सहादा बरामद हुए हैं। उधर, मुसीर ने जिन चारों युवकों के बारे में खुफिया एजेंसी व एसआईटी को बताई थी अब टीम उनकी तलाश में दिल्ली-एनसीआर में जगह-जगह डेरा डाले हुए है। इसके साथ ही सेंटर की मदद से पीएफआई द्वारा या विदेशी फंडिंग की भी जांच बारीकी से हो रही है।