November 24, 2024
Amit Baijnath Garg

 राजस्थान के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पूरा लाभ ले रहे हैं और अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। इस योजना से प्रदेश के किसानों की तकदीर बदल रही है और उनका जीवन आसान हो रहा है। योजना के तहत क्लेम वितरण में प्रदेश पूरे देश में अव्वल है। यहां अब तक करीब 19,900 करोड़ रुपए से अधिक मुआवजा दिया जा चुका है।
अमित बैजनाथ गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार

राजस्थान के भरतपुर जिले की किसान कमला देवी बताती हैं कि उन्होंने गेहूं की फसल बोई थी, जो अतिवृष्टि के कारण नष्ट हो गई। कमला कहती हैं कि फसल नष्ट हो जाने के बाद भी उन्हें नुकसान नहीं झेलना पड़ा, क्योंकि उन्होंने मोदी सरकार की ओर से चलाई जा रही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा करवा रखा था। कमला बताती हैं कि फसल खराबे की एवज में उन्हें 15 हजार रुपए का बीमा क्लेम उनके बैंक खाते में प्राप्त हुआ। इसी प्रकार जयपुर जिले के ग्राम मागलवाड़ा निवासी रघुवीर प्रसाद ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने अपने खेत में मूंग की फसल बोई थी, जो जलभराव के कारण नष्ट हो गई। वे कहते हैं कि नुकसान के बावजूद वे इस बात से राहत में थे कि उन्होंने फसल का बीमा करवाया हुआ था। रघुवीर बताते हैं कि फसल खराबे की एवज में उन्हें 55 हजार रुपए का क्षतिपूर्ति क्लेम उनके बैंक खाते में प्राप्त हुआ। वे इस राहत के लिए मोदी सरकार का धन्यवाद देते नहीं थकते।
चित्तौड़गढ़ जिले के ग्राम निंबाहेड़ा के निवासी झमकूलाल ने बताया कि वे 40 वर्षें से खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इतने वर्षों में कई बार प्राकृतिक आपदाओं, ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से फसलें नष्ट हुई थीं। बकौल झमकू, पहले नष्ट हुई फसल की किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती थी। झमकू कहते हैं कि गत वर्ष उन्होंने जीरे की फसल बोई थी, जो भारी बारिश के कारण नष्ट हो गई। फसल खराब हो जाने के बाद भी वे इस बात से खुश थे कि उन्होंने फसल का बीमा करवा रखा था। योजना के तहत उन्हें अपनी फसल का उचित क्षतिपूर्ति क्लेम सीधे बैंक खाते में प्राप्त हुआ। झमकू बताते हैं कि वे गत तीन वर्षों से हर बोई गई फसल का बीमा करवा रहे हैं। वे कहते हैं कि पीएम फसल बीमा योजना उनके लिए वरदान साबित हुई है।
जयपुर जिले की फुलेरा तहसील के किसान सालाराम बाना एक साल में रबी और खरीफ दोनों फसलें लेते हैं। पिछले साल रबी सीजन में गेहूं की कटाई के बाद तेज बारिश हुई थी। पूरे खेत में पानी भर गया। इससे खेत में कटी हुई फसल बर्बाद हो गई। बाना बताते हैं कि मैंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा करवाया हुआ था। फसल खराबे के बाद गिरदावरी हुई। इसके बाद मेरे खाते में बीमा क्लेम के 60 हजार रुपए जमा हुए। यह योजना मेरे लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि अगर क्लेम नहीं मिलता तो मैं कभी कर्जे से उबर नहीं पाता। वहीं पूरे परिवार को मुसीबत झेलनी पड़ती, सो अलग।
असल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना राजस्थान के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है और इससे उनकी तकदीर संवर रही है। सबसे खास बात यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा क्लेम बांटने में राजस्थान का देश में पहला स्थान है। इस बारे में राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया कहते हैं कि प्रदेश में बीते चार साल में 19,900 करोड़ रुपए से अधिक बीमा क्लेम के रूप में किसानों को दिए गए हैं। अब तक 2.10 करोड़ फसल बीमा पॉलिसी पर पोर्टल के माध्यम से यह राशि दी गई है। राजस्थान में पीएम फसल बीमा योजना के क्लेम की पॉलिसी को बांटने के लिए सरकार ने मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ अभियान चलाया हुआ है। खरीफ 2021 से सरकार ने यह अभियान चलाया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी रबी 2021-22 से मेरी पॉलिसी-मेरे हाथ अभियान की शुरुआत की थी। अब इसी के तहत किसानों को बीमा पॉलिसी का वितरण किया जाता है।
राजस्थान के कृषि एवं उद्यानिकी शासन सचिव डॉ. पृथ्वी बताते हैं कि प्रदेश में रबी सीजन 2018-19 में 31.06 लाख और खरीफ सीजन 2019 में 46.06 लाख फसल बीमा पॉलिसी बनी हैं। इसी तरह रबी 2019-20 में 40.11 लाख, खरीफ 2020 में 67.02 लाख, रबी 2020-21 में 40.43 लाख, खरीफ 2021 में 186.30 लाख, रबी 2021-22 में 157.55 लाख और खरीफ 2022 में 216.01 लाख फसल बीमा पॉलिसी बनाई गई हैं। रबी सीजन 2022-23 में लगभग 171.88 लाख फसल बीमा पॉलिसियों का सृजन हुआ है। राजस्थान में फसल बीमा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर में अप्रैल, 2023 में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को दो पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसमें राज्य को राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल के माध्यम से बीमा क्लेम वितरण में प्रथम पुरस्कार और योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए द्वितीय पुरस्कार मिला था।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को देशभर में 18 फरवरी, 2016 को लागू किया था। इसी दिन राजस्थान में भी इस योजना को लागू कर दिया गया था। पीएम फसल बीमा के अंतर्गत किसान अपने नजदीकी बैंक, ग्राहक सेवा केंद्र तथा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। योजना में किसानों से न्यूनतम प्रीमियम राशि ली जाती है। किसानों को खरीफ फसलों के लिए केवल दो प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करना होता है। इसके अलावा व्यावसायिक एवं बागवानी फसलों के लिए प्रीमियम पांच प्रतिशत है। योजना के तहत फसली ऋण लेने वाले ऋणी कृषक, गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। जहां तक राजस्थान की बात है तो यहां के किसान इस योजना का पूरा लाभ ले रहे हैं और अपने सपनों को साकार कर रहे हैं। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से प्रदेश के किसानों की तकदीर बदल रही है और उनका जीवन आसान हो रहा है।

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