नाईट ब्लड सर्वे कर खोजे जाएंगे फाइलेरिया के संभावित मरीज

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बहराइच l फाइलेरिया बीमारी को जड़ से खत्म करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग जिले में नाइट ब्लड सर्वे (रात्रि रक्त सर्वेक्षण ) कराया जाएगा ।  यह सर्वे रात साढ़े आठ बजे के बाद से 12 बजे के बीच होगा, क्योंकि इसी बीच फाइलेरिया के परजीवी ज्यादा सक्रिय होते हैं ।  सर्वे में 20 साल के ऊपर के व्यक्तियों का ब्लड सैम्पल लिया जाएगा और जाँच के लिए लैब भेजा जाएगा ।  इसके लिए सभी ब्लाकों के लैब टेकनीशियन को प्रशिक्षित किया गया।
एमडीए -2023 के तहत बुधवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये एसीएमओ डॉ संतोष राना ने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है । यह एक घरेलू मच्छर है जो मुख्यतः मानव आबादी के पास आमतौर पर गंदे पानी में पनपता है। यह अक्सर रात में काटता है और अपने डंक के साथ रक्त के जरिए फाइलेरिया के सूक्ष्म परजीवी  दे जाता है। यह परजीवी रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं इसलिए फाइलेरिया की जांच रात 8.30 बजे से 12 बजे के बीच की जाती है ।
एनटीडी ऑफिसर, पाथ डॉ अनंत विशाल ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे  के लिए प्रत्येक ब्लॉक में दो साइट चुना जाएगा ।  इसमें एक स्थायी साइट और एक रैंडम साइट होंगे । एक साइट पर 300 ब्लड सैंपल एकत्रित किया जाएगा, यानी एक ब्लॉक से कुल 600 सैंपल लिए जाएंगे ।  फाइलेरिया केस के आधार पर स्थायी साइट का चुनाव किया जाएगा । उन्होंने प्रतिभागियों से लोगों के ब्लड सैम्पल लेने से लेकर माइक्रोस्कोपिक जांच से जुड़ी जानकारियों को बहुत ही बारीकी से समझाया ।  पीसीआई के ध्रुव कुमार ने बताया कि सर्वे सत्र पर लोगों को बुलाने में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं  सहित अन्य कर्मियों का सहयोग लिया जाएगा ।  अभियान की सफलता के लिए समुदाय स्तर पर विभिन्न माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ।
10 अगस्त से चलेगा फाइलेरिया रोधी दवा सेवन अभियान –
कार्यशाला को संबोधित करते हुये फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी दीपमाला ने बताया कि फाइलेरिया रोग हो जाने के बाद व्यक्ति को जीवन भर इस रोग के साथ ही जीना पड़ता है। हालांकि कुछ दवाओं- दवाओंसेआराममिलताहै?  व प्रभावित अंगो की साफ-सफाई व व्यायाम की मदद से मरीज को आराम मिल सकता है, लेकिन यह कभी जड़ से खत्म नहीं होता। यह रोग न हो इसके लिए हर साल सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाकर दो साल से अधिक उम्र के सभी लोगों (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती । इस बार एक से दो साल तक के बच्चों को भी पेट के कीड़े मारने की दवा भी खिलाई जाएगी। साल में एक बार और लगातार पांच साल दवा के सेवन से इस रोग से बचा जा सकता है। यह अभियान आगामी 10 अगस्त से चलाया जाएगा।
कार्यशाला में सभी सामुदायिक / प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम से संबंधित लैब टेक्नीशियन तथा मलेरिया व फाइलेरिया इंस्पेक्टर ने प्रतिभाग किया ।

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