November 23, 2024
download (15)

ग़ाज़ीपुर के सैदपुर उचौरी ग्राम सभा मे कोटेदार ने खोल दी पोल वही सावन का महीना, रोजगार का संकट। ऊपर से ये बेतहाशा महंगाई गरीबों के लिए किसी अकाल से कम नहीं है। ग़ाज़ीपुर के उचौरी ग्राम सभा मे कोटेदार शाहनाज बेगम  जो कि समूह के अध्यक्ष और उसके पति बकरीदन कोटेदार बताते हैं अपनेआप को और उसने खोल दी विभाग के पोल की देना पड़ता है विभाग में 35 रु प्रति कुंतल कमीशन जिसके कारण करनी पड़ती है कटौती  सप्लाई इंस्पेक्टर सैदपुर श्याम मोहन सिंह से बात हुई तो उनके भी जुबान लड़खड़ा ते नजर आये  इससे यह जाहिर होता है विभाग का भी कमीशन तय होता है वही सावन महीने में सब्जी और दाल तमाम परिवारों की पहुंच से दूर होती जा रही है। सरकार की ओर से हर माह मिलने वाला राशन ही मेहनतकश मजदूरों के लिए पेट पालने का सहारा है लेकिन इस पर भी अब सिस्टम से जुड़े लोगों की नजर गड़ गई है। कोटेदार प्रति कार्ड धारकों से डेढ से दो किलो हर माह राशन की कटौती कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इसका फायदा सिर्फ कोटेदारों को हो रहा है, इसमें कई ऊपर तक के अधिकारी शामिल हैं। एमओ से लेकर जिलापूर्ति पदाधिकारी तक राशन की घटतौली में साझेदार हैं। यह बात दबी जुबान कोटेदार स्वीकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि गोदाम से ही प्रति बोरी दो से तीन किलो राशन की कटौती कर ली जाती है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कम राशन देना हमारी मजबूरी है। हर माह डीलर काट लेता है डेढ़ से दो किलो अनाज कम मिलता है, संवाद सूत्र: सरकार की लाख कोशिश के बाद भी जन वितरण प्रणाली के विक्रेता लाभुकों को सही मात्रा में अनाज का वितरण नहीं कर रहें हैं।  बताया कि जब से राशन कार्ड बना है तब से डीलर सभी कार्डधारी को डेढ़ से दो किलो अनाज कम देते हैं। अंत्योदय कार्डधारी उसके राशन में डेढ़ से दो किलो की कटौती प्रत्येक माह की जाती है। जांच में आए अधिकारियों से भी इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। डीलर जितना राशन देते हैं चुपचाप लेना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *