किसान आंदोलन: चार-पांच घंटे इंतजार से तिलमिलाए रेल यात्री, पूछते रहे- यह तो बता दो आएगी कब
अरे भाई, मुझे ये बताइए कि अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस आएगी या नहीं। दोपहर 12:30 बजे आनी थी, अभी तक कोई सूचना नहीं है। ये सवाल संजीव कसौधन के थे, जो पूछताछ केंद्र पर ट्रेन की लोकेशन जानने के लिए परेशान थे। उन्हेंबताया गया कि अभी ट्रेन की लोकेशन नहीं मिल पा रही है। यह जवाब सुनकर पसीने से तर-बतर संजीव तिलमिला गए।
वहीं, जम्मूतवी-गुवाहाटी ट्रेन के यात्री भी ट्रेन के बारे में पता करने के लिए परेशान थे। इन यात्रियों को समझ में नहीं आ रहा था कि ट्रेन का इंतजार करें या जो ट्रेनें गुजर रहीं हैं, उसी से ही पार्ट जर्नी कर लें। चार-पांच घंटे ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्री हलकान रहे। कभी प्लेटफॉर्म तो कभी स्टेशन परिसर में टहल कर वक्त गुजारते रहे।
पंजाब के अमृतसर में चल रहे किसान आंदोलन के चलते गोरखपुर आने वाली अमृतसर-जयनगर विशेष गाड़ी निरस्त कर दी गई। जबकि 14649 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस को अंबाला में ही रोक दिया गया। गाड़ी संख्या 14674 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस अंबाला के स्थान पर सहारनपुर से, अमृतसर से चलने वाली 15212 अमृतसर-दरभंगा एक्सप्रेस ढंडारीकलां से और 15654 जम्मूतवी-गुवाहाटी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग जालंधर सिटी-लोहियां खास-फिल्लौर के रास्ते चलाई गई।
शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे थे। रेलवे स्टेशन के प्लेटफाॅर्म नंबर एक व दो पर यात्री बिहार की तरफ से आने वाली ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे। टिकट काउंटर पर दिल्ली के लिए जनरल टिकट लेने वालों की भीड़ थी। वहीं पूछताछ कार्यालय के सामने भी भीड़ लगी थी। यात्री इस बात की जानकारी चाहते थे कि जालंधर, लुधियाना, पटियाला, अमृतसर, जम्मू आदि जगहों के लिए जाने वाली कौन सी ट्रेन निरस्त है।
दिल्ली से लेकर जम्मू तक घूमने जा रहे विनोद मिश्र, रामजनम सिंह, बृजेश का समूह आगे की प्लानिंग बनाने में जुटा था। इन लोगों को अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस से यात्रा करनी थी। लेकिन पंजाब में पिछले आंदोलनों को देखते हुए ये लोग इस बात को लेकर चिंता में थे कि कहीं रास्ते में ट्रेन कैंसिल हो गई तो क्या होगा?
छपरा के रहने वाले मुंजेश पाल अपनी मां के साथ लुधियाना जाने के लिए आए थे। मुंजेश का कहना था कि कहीं आगे आंदोलन में गाड़ी फंस गई तो कैसे यात्रा पूरी करेंगे। इसलिए वे टिकट कैंसिल कर मां के साथ वापस जाने पर विचार कर रहे थे।
स्लीपर क्लास में फर्श पर बैठे थे, जनरल में खिड़की से कूदे
पंजाब की तरफ जाने वाली ट्रेनों के निरस्त होने के कारण उधर की यात्रा करने वालों ने दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में अपनी जगह तलाशी। जनरल टिकट लेकर कोई स्लीपर में घुस गया तो कोई जनरल बोगी की खिड़की के रास्ते अंदर घुसने की कोशिश करने लगा। भीड़ होने का अंदाजा रेलवे सुरक्षा बल के जवानों को भी था, लिहाजा वे जनरल बोगी के नजदीक खड़े हो गए थे, ताकि धक्का-मुक्की न होने पाए। इसके चलते उमस भरी गर्मी में यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ा।
छपरा रघुबर सिंह ने कहा कि बेटे से मिलने लुधियाना गए थे। वापसी में ट्रेन कैंसिल हो गई तो दूसरी ट्रेन से दिल्ली पहुंचे। वहां से एक ट्रेन से लखनऊ और अब गोरखपुर पहुंचे हैं। अभी छपरा जाना है, बता रहे हैं कि प्लेटफार्म नंबर 2 से कोई पैसेंजर ट्रेन जाती है, उसकी जानकारी में जुटा हूं। ट्रेनों को रोकने से बड़ी दिक्कत हो रही है।
रामकोला सुरेंद्र ने कहा कि एक रिश्तेदार चंडीगढ़ से आने वाले थे। जिस ट्रेन में उनका टिकट था, वह कैंसिल हो गई है। हमें इसकी जानकारी नहीं थी। दोपहर से ही इंतजार कर रहा था। थोड़ी देर पहले पूछताछ काउंटर पर पता लगा कि ट्रेन बीच रास्ते में ही कैंसिल हो गई है। काफी प्रयास के बाद रिश्तेदार से संपर्क हुआ तो पता लगा कि वे अभी दिल्ली में हैं।