नई दिल्ली
एक ओर जहां जरूरी वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर पिछले छह महीने में 5,000 करोड़ रुपये के लिपिस्टिक जैसे सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद बिक गए। कांतार की रिपोर्ट के मुताबिक, देश के शीर्ष-10 शहरों में सौंदर्य उत्पादनों पर यह खर्च किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन उत्पादों की खरीदारी करने वाली सभी महिलाएं कामकाजी हैं। मेकअप की बिक्री में सर्वाधिक योगदान इन्हीं महिलाओं का है। कॉस्मेटिक खरीदारों की कुल भुगतान राशि का औसतन 1.6 गुना खर्च कामकाजी महिलाएं ही करती हैं। कुल बिक्री में ऑनलाइन खरीदारी की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। दुकानदारों के कहने पर 36 फीसदी सौंदर्य प्रसाधन उत्पाद खरीदे जाते हैं। एजेंसी
बिक गए कुल 3.1 करोड़ लिपिस्टिक
कुल खरीदारी में लिपिस्टिक की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 38 फीसदी रही। छह महीने में 3.1 करोड़ लिपिस्टिक, 2.6 करोड़ नेलपॉलिश, 2.3 करोड़ आंखों से जुड़े उत्पाद और 2.2 करोड़ चेहरों के उत्पाद खरीदे गए हैं। अध्ययन में कहा गया है कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के कारण सौंदर्य प्रधासन क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने 27,000 करोड़ से अधिक लौटाए
फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने मंगलवार को कहा, उसने 6 बंद योजनाओं के यूनिटधारकों को अब तक 27,000 करोड़ रुपये से अधिक लौटाए हैं। यह राशि 23 अप्रैल, 2020 तक 6 योजनाओं में प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति का करीब 107.51 फीसदी है। फंड हाउस ने बॉन्ड बाजार में नकदी की कमी का हवाला देते हुए सभी योजनाओं को बंद कर दिया था।
पान मसाला और तंबाकू पर अब ऑटोमेटिक रिफंड नहीं
पान मसाला, तंबाकू और इस तरह के अन्य उत्पादों के निर्यात पर ऑटोमेटिक रूट के जरिये मिलने वाले आईजीएसटी रिफंड पर एक अक्तूबर से रोक लग जाएगी। वित्त मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है कि निर्यातकों को इन सभी उत्पादों पर कर छूट का दावा करने के लिए टैक्स अधिकारियों के पास जाना होगा। इसके बाद ही उन्हें रिफंड मिलेगा। इस क्षेत्र में हो रही कर चोरी के कारण सरकार ने यह कदम उठाया है। पान मसाला एवं तंबाूक के अलावा हुक्का, गुटखा, पाइप व सिगरेट के लिए धूम्रपान मिश्रण और मेंथा तेल पर यह नियम लागू होगा। इन सभी उत्पादों पर 28 फीसदी जीएसटी और उपकर लगता है। कुछ निर्यातक अधिक आईजीएसटी रिफंड पाने के लिए अपने निर्यात का अधिक मूल्य दिखाते हैं।
शेयर हस्तांतरण : बायजू ने आकाश को भेजा नोटिस
बायजू की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न ने शेयर हस्तांतरण में आनाकानी करने के कारण आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लि. (एईएसएल) के संस्थापकों को नोटिस भेजा है। एईएसएल की बिक्री के तहत उन्हें बिना शर्त शेयरों का हस्तांतरण करना था, जो नहीं किया गया। बायजू ने 2021 में नकद और शेयर सौदे के तहत करीब 94 करोड़ डॉलर में 33 साल पुराने कोचिंग सेंटर एईएसएल का अधिग्रहण किया था। सौदे के बाद थिंक एंड लर्न के पास 43 फीसदी हिस्सेदारी थी। इसके संस्थापक बायजू रवींद्रन को 27 फीसदी हिस्सा मिला। एईएसएल के संस्थापक चौधरी के परिवार के पास करीब 18 फीसदी और ब्लैकस्टोन के पास 12 फीसदी हिस्सेदारी है। सौदे के तहत एईएसएल का टीएलपीएल के साथ विलय किया जाना था।