महराजगंज तराई (बलरामपुर) /सूबे की योगी सरकार बेसहारा गोवंशों की सुरक्षा के लिए प्रयासरत है। आश्रय के लिए हर माह लाखो रुपये खर्च भी किए जा रहे हैं। लेकिन व्यवस्था में खामी के कारण गोवंश तिल-तिल कर मर रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने हुए हैं।बेसहारा मवेशियों को संरक्षित करने के लिए सरकार ने बड़ी संख्या में गोशाला की स्थापना करा दी है, लेकिन अनदेखी की वजह से इनमें बंधे बेसहारा और बेजुबान मवेशी का हाल बेहाल है। गोशाला में बंधे बेसहारा मवेशी बिना चारा व इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। मामला विकास खंड तुलसीपुर के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत गुलरिहा हिसामपुर का है।जहाँ पर मंगलवार दोपहर लगभग 12 बजे देखा गया तो पशु आश्रय स्थल पर एक मवेशी मृत पड़ा था। जिसको कौवा नोच कर खा रहे थे। इस पशु आश्रय स्थल में 104 मवेशी की क्षमता के अनुरूप 135 मवेशी पाए गए।यहां भूख प्यास से तड़प-तड़प कर मवेसी की मौत हो रही है। यही नहीं, पशु आश्रय स्थल का संचालन करने वाले अधिकारियों कर्मचारियों की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा तब देखने को मिली, जब गोशाला के अंदर मृत मवेशी को कौवा नोचते दिखे। इससे तो यही साबित होता है कि गोशाला के जिम्मेदार लोग शायद यहां आते ही नहीं हैं। अन्यथा कम से कम मृत मवेसी का अंतिम संस्कार कर दिया गया होता। गोशाला की देख रेख करने वाले केयरटेकर राम मूरत ने बताया कि 135 मवेशी पशु आश्रय स्थल में मौजूद है जबकि जियो टैग 104 मवेशी की है। पशु आश्रय स्थल पर गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। पशु आश्रय स्थल परिसर में ही गोवर का ढेर लगा हुआ है।मवेशियों को सूखा भूसा खिलाया जा रहा है।ग्राम प्रधान भी मौके पर मौजूद नहीं थे।