सोनभद्र। उ0 प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र द्वारा दीवानी न्यायालय परिसर में संचालित मीडिएशन सेंटर में शुक्रवार को एक दंपत्ति के विवाद की सुनवाई अधिवक्ता मध्यस्थ मुनिराज शाह एडवोकेट मीडिएटर द्वारा की गयी। सुनवाई के दौरान दम्पत्ति अपने पिछले गिले-शिकवे भुलाकर स्वेच्छा से अलग-अलग रहने को राजी हो गये हैं। ग्रीनलैंड स्कूल के समीप, खाड़पाथर, पोस्ट रेनूकूट थाना पिपरी जनपद सोनभद्र निवासी गीता गुप्ता की शादी वर्ष 2008 में ग्राम किसनीपुर पोस्ट जनाड़ी थाना दुबहड़ जनपद बलिया निवासी आनन्द कुमार गुप्ता से हुई थी। शादी के बाद वर्ष 2011 में दम्पत्ति के बीच विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद वर्ष 2011 में गीता गुप्ता को ससुराल से जबरदस्ती निकाल दिया गया। उसके बाद गीता गुप्ता मायके आकर रहने लगी। उसने पति के खिलाफ परिवार न्यायालय में भरण पोषण का मुकदमा दाखिल किया। पत्रावली को परिवार न्यायालय से विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित मध्यस्थता केन्द्र में सुलह-समझौता हेतु प्रेषित किया गया। मामले की सुनवाई मीडिएशन सेंटर में की गई। मीडिएशन सेंटर द्वारा भेजे गये नोटिस के बाद आनन्द कुमार गुप्ता मीडिएशन सेंटर में हाजिर हुए। सेंटर में हुई बातचीत में दोनों के बीच सारे गिले-शिकवे दूर हो गये। दम्पत्ति के बीच समझौता हो गया। दम्पत्ति अपने पिछले गिले-शिकवे भुलाकर स्वेच्छा से अलग-अलग रहने को राजी हो गये हैं। सुनवाई के दौरान श्री शैलेन्द्र यादव अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र द्वारा उक्त दम्पत्ति को अपने अपने जीवन का निर्वाह करने हेतु प्रेरित किया गया।