पहल टुडे। तरकुलवा(देवरिया)थानाक्षेत्र के एक गांव की नाबालिग छात्रा के साथ स्कूल जाते समय...
Month: August 2023
बुलंदशहर.क्षेत्राधिकारी अनूपशहर श्रीमती अन्विता उपाध्याय द्वारा थाना अनूपशहर के त्रैमासिक निरीक्षण के दौरान थाना...
बुलन्दशहर.गोकशो ने रात के अंधेरे में गोकशी की वारदात को अंजाम दे डाला। गुलावठी...
बुलंदशहर.(डिबाई) जेपी हॉस्पिटल,चिट्टा द्वारा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उ०प्र०(पंजी०) एवं अमर उजाला फाउंडेशन के...
आजमगढ़ पहले चाचा चुनाव हार गए अब भतीजा भी हार गए। चाचा आजम खान और उनके भतीजे अपनी-अपनी सीट हार गए। उक्त बातें प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को आजमगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। उन्होंने सपा पर जमकर निशाना साधा। शिवपाल सिंह यादव के एक बयान पर कहा कि 2014 से चाचा-भतीजा एक हैं लेकिन फिर भी बीजेपी चुनाव जीत रही है। वर्ष 2024 में भी प्रदेश की सभी 80 सीटों पर कमल खिलेगा। इन दिनों भारतीय जनता पार्टी आजमगढ़ जनपद में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में विजय हासिल करने के लिए जमीन तैयार कर रही है। हर माह में कोई न कोई मंत्री जिले में पहुंचकर जनता के बीच जा रहा है। वहीं शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शुक्रवार को जिले में पहुंचे। वह विकास कार्यों की समीक्षा एवं वर्ष 2024 में होने वाले...
सचिन अग्निहोत्री / कानपुर देहात -: केंद्रीय विद्यालय माती में स्टूडेंट काउंसिल के अलंकरण...
सोनभद्र। जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने शुक्रवार को विकास भवन के सामने क्रिटिकल गैप...
नई दिल्ली सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा समूह की चार सहकारी समितियों के करोड़ों जमाकर्ताओं की करोड़ों रुपये की गाढ़ी कमाई लौटाने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी। इस दौरान 112 छोटे निवेशकों को 10 हजार रुपये की पहली किस्त हस्तांतरित की गई। शाह ने कहा कि अब तक 18 लाख जमाकर्ताओं ने 18 जुलाई को लॉन्च किए गए ‘सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल’ पर पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा, “अब तक 18 लाख निवेशकों ने पोर्टल पर पंजीकरण...
नयी दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि के मामले में उच्चतम न्यायालय से राहत मिलने के बाद शुक्रवार को कहा कि सच्चाई की हमेशा जीत होती है। गांधी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों सच्चाई की जीत होती ही है। मुझे क्या करना है, उसे लेकर मेरे मन में स्पष्टता है।’’ उन्होंने लोगों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। इससे पहले गांधी ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह भारत की अवधारणा (आइडिया ऑफ इंडिया) की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाते रहेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘चाहे कुछ भी जाए, मेरा कर्तव्य वही रहेगा। भारत की अवधारणा की रक्षा करना।’’ उच्चतम न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई कथित विवादित टिप्पणी के संबंध में 2019 में दायर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाते हुए शुक्रवार को उनकी लोकसभा की सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी। गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में ‘मोदी उपनाम’ के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
नई दिल्ली: लोकसभा में पास हो चुके जन विश्वास बिल को राज्यसभा में भी मंजूरी मिल चुकी है। इस विधेयक ने कई अपराधों में जेल की सजा को खत्म कर दिया है। यह बिल 19 मंत्रालयों से जुड़े 42 कानूनों के 183 प्रावधानों को जेल की सजा से मुक्त करेगा और इज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट करेगा। आसान शब्दों में कहे तो, यदि कोई व्यक्ति अनजाने में कोई कृत्य करता है और उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हो जाते हैं और लोगों को जेल की सजा तक होती थी, उन्हें अब अपराध नहीं माना जायेगा और उनमें मिलने वाली सजा कम या खत्म कर दी जाएगी। पहले जिन गड़बड़ी को अपराध की श्रेणी रखा गया था वो अब जुर्माने तक सीमित हो जाएंगे। बिल में साफतौर पर कहा गया कि देश के लोग सरकार और अलग-अलग संस्थानों पर भरोसा करें, यही लोकतंत्र का आधार है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि जन विश्वास बिल क्या है और इसके तहत किन कानूनों में अपराध के प्रावधान को हटाया गया या कम किया गया है। साथ ही, बताएंगे कि इसके पीछे क्या कारण है। जन विश्वास बिल क्या है? कई पुराने प्रावधानों में संशोधन करके उसे एक बिल के रूप में पेश किया गया है, इसे जन विश्वास बिल कहा गया है। जन विश्वास बिल का लक्ष्य है कि 19 मंत्रालयों के 42 कानूनों के 180 अपराधों को गैर-अपराधिक घोषित कर देना यानी 180 अपराधों को अब अपराध नहीं माना जाएगा। इनकी सजा में बदलाव किया जाएगा, जिसमें कई अपराधों को जुर्माने तक सीमित कर दिया जाएगा, तो कई मामलों में सजा खत्म कर दी जाएगी। किन क्षेत्रों में दिखेगा बदलाव? इस बिल के पास हो जाने से अब तक क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिलेगा, जिसमें पर्यावरण, कृषि, मीडिया, उद्योग, व्यापार, प्रकाशन और कई अन्य क्षेत्र के हैं। जन विश्वास विधेयक से Ease of doing Business और Ease of Living आसान होगी। क्या-क्या बदलाव होगा? बिल के कानून में तब्दील होने पर कई बड़े बदलाव होंगे। कई अपराधों में जेल के प्रावधान को समाप्त किया जाएगा, जैसे- इंडियन पोस्ट ऑफिस एक्ट,...