November 23, 2024

Month: August 2023

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि 2,000 रुपये मूल्य के करीब 88 प्रतिशत नोट 31 जुलाई तक बैंकों में वापस आ चुके हैं। रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि बैंकों से मिली सूचनाओं से पता चलता है कि 31 जुलाई तक 2,000 रुपये के कुल 3.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन से वापस आ चुके हैं। आरबीआई ने 19 मई को 2,000 रुपये मूल्य के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी। इसके लिए उपभोक्ताओं को 30 सितंबर तक ये नोट बैंकों में जमा करने या वहां पर बदलने की सुविधा दी गई है। इसी क्रम में 31 जुलाई तक 3.14 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2,000 रुपये के नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। अब 2,000 रुपये के सिर्फ 42,000 करोड़ रुपये मूल्य के नोट ही चलन में मौजूद हैं। आरबीआई ने जब इन नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी, तब 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट चलन में मौजूद थे। गत 31 मार्च को इन नोटों का मूल्य 3.62 लाख करोड़ रुपये था। आरबीआई ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली में लौटकर आने वाले 2,000 रुपये के नोट में से करीब 87 प्रतिशत नोट बैंकों में जमा के रूप में आए हैं जबकि 13 प्रतिशत नोट अन्य मूल्यों के नोट से बदले गए हैं। केंद्रीय बैंक ने लोगों से अनुरोध किया है कि वे किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए अपने पास मौजूद 2,000 रुपये मूल्य के नोट सितंबर तक बैंकों में जाकर जमा कर दें या उन्हें दूसरे नोट से बदल लें।
नयी दिल्ली। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के एक संगठन ने मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को कम करने का अनुरोध किया। उद्योग निकाय ने कहा कि यह कर बहुत अधिक है और इससे अवैध तरीके से काम करने वाली गेमिंग कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा। सीतारमण को लिखे एक खुले पत्र में इंडियन गेमर्स यूनाइटेड के बैनर तले मझोले एवं छोटे शहरों (टियर-2 और टियर-3) की गेमिंग कंपनियों ने कहा कि उच्च कराधान के कारण अवैध गेमिंग और विदेशी मंचों को बढ़ावा मिलेगा। इनसे सरकार को कोई कर नहीं मिलेगा, लेकिन वैध गेमिंग कंपनियां बहुत बड़े संकट में फंस जाएंगी। निकाय ने जुआ जैसे किस्मत के खेल और गेमिंग जैसे कौशल वाले खेलों के बीच अंतर करने की भी वकालत की। इंडियन गेमर्स यूनाइटेड ने एक बयान में कहा कि गेमिंग एक कौशल आधारित गतिविधि है और इसे जुआ या घुड़दौड़ जैसे किस्मत वाले खेलों के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कराधान पर फिर से विचार करने और इसे उद्योग के अनुकूल बनाने की वकालत की। जीएसटी परिषद बुधवार को अपनी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू करने के तौर-तरीकों पर फैसला करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की पिछले महीने हुई बैठक में ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ में लेन-देन की पूरी राशि पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगाने का निर्णय किया गया।
ग्‍लोबल मार्केट से मिल रहे मिक्स कमजोर सकेतों के बीच घरेलू शेयर बाजार में बिकवाली देखने को मिल रही है।आज के करोबार में सेंसेक्‍स और निफ्टी दोनों इंडेक्‍स कमजोर दिख रहे हैं। बाजार की शुरूआत में सेंसेक्स 294.40 अंक यानी 0.44 फीसदी की कमजोरी के साथ 66,150.57 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 86.25 अंक या 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 19,647.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। आज के कारोबार में ज्‍यादातर प्रमुख सेक्‍टर में कमजोरी नजर आ रही है. निफ्टी पर बैंक, फाइनेंशियल, ऑटो, आईटी, मेटल, फार्मा और रियल्‍टी समेत ज्‍यादातर इंडेक्‍स लाल निशान में दिख रहे हैं। ADANIPORTS, ONGC, NTPC, POWERGIRD, ADANIENT, MARUTI के शेयर हरें रंग में यानी बढ़त में है, वहीं TATASTEEL, TATACONSUM, HEROMOTOCO, CIPLA, SBILIFFE के शेयर लाल रंग में यानी कमजोर दिखाई पड़ रहे हैं। उतार चढ़ाव भरे बाजार में आज यानी 2 August 2023 कुछ शेयर एक्शन दिखाने को तैयार हैं। ये शेयर आज बाजार में फोकस में रह सकते हैं। अगर इंट्राडे में बेहतर शेयरों की तलाश है तो इन पर नजर रख सकते हैं। Maruti Suzuki...
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में ‘स्कूल स्टैण्डर्ड अथॉरिटी’ का गठन किया जाए, जिसके द्वारा सभी विद्यालयों में गुणवत्ता मानक स्थापित किए जाएं। यहां जारी एक अधिकारिक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में उच्च शिक्षा, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए समस्त जिलों में कार्यशालाओं का आयोजन करके नीति के आयामों के बारे में सभी शिक्षकों एवं संबंधित लोगों को अवगत कराने एवं क्षमतावृद्धि करने का निर्देश दिया। बयान के अनुसार, योगी ने कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ‘स्कूल स्टैण्डर्ड अथॉरिटी’ का गठन किया जाए जिसके द्वारा सभी विद्यालयों में गुणवत्ता मानक स्थापित किए जाएं। भारतीय ज्ञान, स्थानीय प्रथाएं, इतिहास का समावेश करते हुए ‘स्टेट करिकुलम फ्रेमवर्क’ भी गठित किया जाए।” उन्होंने कहा कि सभी दिव्यांग और स्कूल छोड़ चुके बच्चों का पता लगाते हुए समावेशित शिक्षा सुनिश्चित की जाए। बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारते हुए, शिक्षकों को उच्च कोटि का प्रशिक्षण दिया जाए और सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पाठ्यक्रमों का संशोधन सुनिश्चित करते हुए उसे कक्षाओं में संचालित किया जाए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को समर्थन देने के लिए बीजू जनता दल (बीजद) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) पर मंगलवार को निशाना साधा और कहा कि यह समझ नहीं पाया कि इन दोनों दलों ने क्या देख कर इस विधेयक का समर्थन किया है। बीजद ने मंगलवार को राज्यसभा में दिल्ली सेवा अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को समर्थन देने की घोषणा की और विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ सरकार का समर्थन किया। वाईएसआरसीपी पिछले सप्ताह ही सरकार के विधेयक का समर्थन कर चुकी है। चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, मैं समझ सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद दिल्ली सेवा विधेयक समर्थन कर रहे हैं लेकिन यह नहीं समझ पाया कि बीजद और वाईएसआरसीपी पार्टियों ने विधेयक में ऐसा क्या पाया है।
नयी दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राष्ट्रीय राजधानी में बसों में ‘पैनिक बटन’ के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया जबकि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने दावा किया कि सभी सुरक्षा उपकरण उचित तरीके से काम कर रहे हैं। मीडिया में खबरें आयी हैं कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ‘पैनिक बटन’ का ऑडिट करा रहा है। इसके बाद भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेव ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली परिवहन विभाग ने पैनिक बटन के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला किया है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि सचदेवा की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मुलाकात करेगा और इस ‘‘करोड़ों रुपये के पैनिक बटन घोटाले’’ के संबंध में एक ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने मांग की कि परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत जांच जारी रहने तक अपने पद से इस्तीफा दें। वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि उसे ‘‘एसीबी द्वारा कोई औपचारिक ऑडिट किए जाने, ऑडिट करते वक्त उचित तकनीकी प्रोटोकॉल का पालन किए जाने या ऑडिट कर रहे व्यक्ति के तकनीकी रूप से योग्य होने की कोई जानकारी नहीं है।’’ उसने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के अधिकारियों से ऑडिट के नतीजों के संबंध में कोई प्रतिक्रिया या सूचना नहीं मांगी गयी जो कि उन्हें उच्च प्राधिकारियों को कोई रिपोर्ट सौंपने से पहले लेनी होती है।’’ बयान में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार के लिए यात्रियों की सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। उसने कहा कि दिल्ली की सभी बसें आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरों, पैनिक बटन और जीपीएस प्रणाली से लैस हैं। नियंत्रण केंद्रों में बसों के सीसीटीवी फुटेज पर लगातार नजर रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई की जाती है।